विद्रोही स्वर
थोड़ी सी आग अभी बाकी है,
जख्म-ओ-दाग अभी बाकी है,
जल चुकी सृमतियो की राख अभी बाकी है,
एक चिंगारी हूँ
वक़्त आने पर आग लगा दूंगा
नापाक इरादों वालो के
सब्ज़-ओ-बाग़ जला दूंगा,
अभी शांत हूँ,
स्वाभिमानी हूँ
अपनी साख अभी बाकी है
बदले की आग अभी बाकी है,
धूप-छावं देख चुकी
दोनों आँख अभी बाकी है,
मुसाफिर हूँ
कांटो पे चलना मुझको आता है,
मैं नन्हा दिया हूँ
अंधेरो में जलना मुझको आता है,
हर इक कठिनाई से लड़ने की
औकात अभी बाकी है,
सूखे पत्तो को कम मत आंकना
उनमे दावानल की आग अभी बाकी है |
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Holmes
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